पाकिस्तान के कराची शहर में बीते कुछ दिनों से जमीन लगातार हिल रही है. अब तक 19 छोटे-छोटे भूकंप दर्ज किए जा चुके हैं, जिनमें से कई का केंद्र मालिर और कोरंगी जैसे इलाके रहे हैं. ये वही इलाके हैं जहां से कुछ किलोमीटर की दूरी पर पाकिस्तान की परमाणु गतिविधियों से जुड़ी गोपनीय लोकेशन्स की आशंका जताई जाती है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या पाकिस्तान के एटॉमिक अड्डे पर कोई बड़ा खतरा मंडरा रहा है?
पहला झटका सोमवार आधी रात को दर्ज किया गया, जिसका केंद्र मालिर के नजदीक 40 किलोमीटर की गहराई में था. इसके बाद मंगलवार सुबह तक 19 छोटे-मोटे झटके महसूस किए जा चुके हैं. इनमें से कुछ झटकों की तीव्रता 3.4 तक दर्ज की गई, जो कि हल्के भूकंप माने जाते हैं, लेकिन इनकी बारंबारता और लोकेशन ने सभी को चिंता में डाल दिया है.
क्यों कांप रही धरती?
पाकिस्तान मौसम विभाग के सिस्मिक मॉनिटरिंग सेंटर के मुताबिक, इन सभी झटकों का मुख्य कारण कराची के लांधी फॉल्ट लाइन का सक्रिय होना है. विभाग के मुख्य मौसम विज्ञानी आमिर हैदर ने बताया कि यह फॉल्ट लाइन दशकों बाद सक्रिय हुई है और इसमें से धीरे-धीरे ऊर्जा निकल रही है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है और इससे बड़ा भूकंप आने की संभावना कम है.
एटॉमिक कनेक्शन तो नहीं
मगर जिस इलाके में ये झटके महसूस हो रहे हैं, वहीं के आसपास पाकिस्तान की परमाणु परियोजनाओं की मौजूदगी को लेकर लंबे समय से संदेह रहा है. ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या इस भूकंपीय हलचल का कोई संबंध पाकिस्तान की एटॉमिक एक्टिविटी से तो नहीं? विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस तरह की ज़मीन में लगातार हलचल होती रही, तो यह सुरक्षा के लिहाज से बड़ा खतरा बन सकता है.
पाक में डर का माहौल
लोगों में डर का माहौल है, खासकर मालिर, लांधी, कोरंगी और क्वैदाबाद जैसे इलाकों में. जहां पहले ही इमारतों की हालत जर्जर है, वहां लगातार आने वाले भूकंपों से दीवारों में दरारें आने लगी हैं. आम जनता की चिंता बढ़ गई है कि कहीं ये झटके किसी बड़े खतरे की दस्तक तो नहीं हैं. लोगों ने प्रशासन से इमारतों की मजबूती जांचने और भूकंप की स्थिति में बचाव के उपायों की मांग की है.
पाक हुकूमत की अपील
फिलहाल, पाकिस्तान सरकार और मौसम विभाग ने लोगों से घबराने की बजाय सतर्क रहने की अपील की है. लेकिन यह भी तय है कि कराची का यह अचानक बना भूकंपीय केंद्र, जो परमाणु गतिविधियों के करीब है, आने वाले दिनों में और भी ज्यादा चर्चाओं में रहने वाला है. यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान इस संकट को किस तरह संभालता है. और क्या यह केवल भूगर्भीय संकट है या इसके पीछे कुछ और भी छुपा है?